भारतीय व्यंजनों की आसान रेसिपी

इस साल बहुत शुभ योग में पड़ेगी दीपावली,जाने क्या हैं खास

दिवाली का पर्व पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन दीयों और रोशनी से घर को सजाने के बाद लक्ष्मी और गणेश जी का एक साथ पूजन किया जाता है।

happy diwali festival
0 650

दिवाली के दिन धन की देवी महालक्ष्मी, धन के देवता कुबेर, बुद्धि के देवता भगवान गणेश का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है। इस दिन माता सरस्वती और महाकाली का भी पूजन विशेष रूप से किया जाता है।

दिवाली के दिन मुख्य रूप से गणपति और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा अर्चना करने से माता लक्ष्मी घर में पूरे साल निवास करती हैं और जीवनभर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।

इस साल पंचाग के अनुसार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 24 अक्टूबर, सोमवार के दिन पड़ेगी। इसलिए इसी दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

  • निशिता काल -24 अक्टूबर, रात्रि 23:39 से 12:31 तक
  • सिंह लग्न – 24 अक्टूबर रात्रि 12 :39 से 02:56 तक

लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2022

  • अमावस्या तिथि आरंभ – 24 अक्टूबर को 06:03 बजे
  • अमावस्या तिथि समाप्त – 24 अक्टूबर 2022 को 02:44 बजे
  • लक्ष्मी पूजा मुहूर्त  : शाम 6:54:52 से रात्रि 08:16:07 तक
  • अवधि :1 घंटे 21 मिनट

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त

  • प्रातःकाल मुहूर्त, 24 अक्टूबर, प्रातः 06:34:53 से 07:57:17 तक
  • प्रातःकाल मुहूर्त (चल, लाभ, अमृत):10:42:06 से 14:49:20 तक
  • सायंकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत, चल): शाम 04 :11:45 से 20:49:31 तक
  • रात्रि मुहूर्त (लाभ): 24:04:53 से 25:42:34 तक

पांच दिनों तक चलता है दिवाली का त्योहार

दीपावली महोत्सव सिर्फ एक दिन का पर्व न होकर पूरे 5 दिन तक मनाया जाता है। यह त्योहार धनतेरस के दिन से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है। इन 5 दिनों के त्योहारों में पहले दिन धनवंतरि भगवान की पूजा होती है और बर्तन या गहने खरीदने का रिवाज है, इस महोत्सव के दूसरे दिन नरक चतुर्दशी तिथि होती है जिसमें यम देव की पूजा और दीपदान किया जाता है।

महोत्सव के तीसरे दिन मुख्य दिवाली होती है जिस दिन माता लक्ष्मी के पूजन के साथ घर को रोशनी से भी सजाया जाता है। दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का विधान है जिसमें गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया जाता है और उसकी पूजा की जाती है। गोवर्धन के अगले दिन यानी द्वितीया को भाई-दूज के त्योहार के साथ दिवाली महोत्सव समाप्त हो जाता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.