क्या दिवाली पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया? दशकों बाद बना ग्रहण का दुर्लभ योग
24 अक्तूबर, सोमवार को दिवाली है और इसके अगले दिन यानी 25 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण, फिर गोवर्धन पूजा है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हुए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है और अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली के फौरन बाद ही आंशिक सूर्यग्रहण लगेगा।
कई वर्षों बाद दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा न होकर एक दिन का अंतर है। दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षो बाद पड़ रहा है। एक गणना के अनुसार पिछले 1300 वर्षों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहार के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। साल का यह आखिरी आंशिक सूर्यग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
भारत में सूर्यग्रहण दिखाई देने से इसका सूतक काल मान्य होगा। जिसके कारण ग्रहण से संबंधित धार्मिक मान्यताएं का पालन किया जाएगा। जाएगी। आइए जानते हैं 25 अक्तूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण से संबंधित सभी जानकारियां और इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से…
भारत में कितने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण ?
सूर्य ग्रहण की तिथि: 25 अक्टूबर 2022
सूर्य ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार) : 16:22 से 17:42 तक
सूर्य ग्रहण की समय अवधि:1 घंटे 19 मिनट
भारत में कहां-कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण
- वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ही लगता है। इस बार कार्तिक अमावस्यता तिथि 25 अक्तूबर हो और इसी दिन आंशिक सूर्य ग्रहण लगेगा। देश के खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार दिवाली के बाद लगने वाला सूर्य ग्रहण देश के उत्तरी और पश्चिमी भागों में आसानी के साथ देखा जा सकेगा,जबकि पूर्वी भागों में यह ग्रहण नहीं दिखाई देगा क्योंकि यहां पर सूर्यास्त जल्दी हो जाएगा। भारत में ग्रहण की शुरुआत शाम के 4 बजे के बाद ही होगी।
देश में यहां दिखेगा सूर्य ग्रहण-
- दिल्ली, राजस्थान,पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड. जम्मू, श्रीनगर, लेह और लद्दाख
देश के इन हिस्सों में कुछ समय के लिए दिखेगा सूर्य ग्रहण-
- दक्षिण भारत के हिस्से जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक,मुंबई, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और बंगाल
देश के इन हिस्सों में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
- देश के पूर्वी भागों में असम,अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड
इस राशि में लगेगा सूर्य ग्रहण
- ज्योतिष गणना के अनुसार दिवाली के बाद यानी 25 अक्तूबर को लगने वाला सूर्यग्रहण तुला राशि में लगेगा।
सूर्य ग्रहण और ज्योतिषीय संयोग
- इस वर्ष दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण का योग और ग्रहों का योग 1300 सालों बाद बना रहा है। ग्रहण के समय चार ग्रह खुद की राशि में मौजूद रहेंगे। जिसमें बुध,गुरु, शनि और शुक्र सभी चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। शनि मकर राशि में, गुरु अपनी मीन राशि में,बुध कन्या राशि में और शुक्र तुला राशि में रहेंगे।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल कब से होगा शुरू
- भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण लगने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। धार्मिक नजरिए से सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक में पूजा-पाठ और शुभ काम वर्जित होते हैं। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण शाम चार बजे के आसपास शुरू हो जाएगा। सूर्य ग्रहण लगने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है। यह ग्रहण करीब डेढ़ घंटे तक चलेगा।
ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?
- जब भी कोई ग्रहण लगता है उसके पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है। सूर्यग्रहण होने पर 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण लगने पर 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल को अशुभ माना गया है इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है। ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।
- ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
- ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों नहीं छूना चाहिए।
- ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने पर पहले से ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को डालकर रखना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।