आइए जानते हैं कि मोदी इतना फिट कैसे रह पाते हैं और क्या है उनके बेहतर स्वास्थ्य का राज
सूर्य नमस्कार और डेली वॉक
मोदी का नियम है कि वो इस उम्र में ही पांच या छह घंटे से ज्यादा की नींद नहीं लेते। नरेंद्र मोदी 4-5 बजे के बीच उठ जाते हैं औऱ फर योग करते हैं. योग से मोदी का शरीर इतना फिट रहता है कि वो लगातार 14 से 16 घंटे भी बिना रुके काम कर पाते हैं। सूर्य नमस्कार और प्राणायाम मोदी के प्रिय आसन हैं। इसके बाद वो डेली वॉक पर निकलते हैं और करीब आधा घंटा टहलते हैं।
संतुलित आहार
मोदी पर लिखी गई एंडी मरीनो की किताब ‘नरेंद्र मोदी : अ पॉलिटिकल बायोग्राफी’ बताती है कि मोदी ने कई सालों पहले ही नमक खाना छोड़ दिया था। फिर मिर्च छोड़ दी औऱ सादे खाने पर बसर करने लगे। इतना ही नहीं वो तेल और दूसरे मसालों से भी परहेज करते हैं। गर्मी हो या दूसरा कोई मौसम मोदी ठंडा पानी पीने से परहेज करते हैं। उन्हें गुनगुना पानी पसंद है। मोदी के रोज के भोजन में सलाद ज्यादा मात्रा में होता है।
मोदी के स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा राज है कि वो शुद्ध शाकाहारी हैं। मोदी को गुजराती खाने के बाद दक्षिण भारतीय खाना पसंद है।वो आमतौर पर लंच और डिनर में सादा खाना पसंद करते हैं। मोदी की पहली पसंद गुजराती व्यंजन हैं। वो दिन में कई बार लेकिन बेहद हल्का नाश्ता करते हैं ताकि शरीर पर थकान भी न छाए और ताकत भी मिलती रहे
नाश्ते में अदरक वाली चाय
माने या ना माने लेकिन गुजराती नाश्ता मोदी को फिट रखने का सबसे खास कारण है। नरेंद्र मोदी नाश्ते में अंग्रेजो की तरह ब्रेड बटर नहीं बल्कि गुजराती पोहा और खाकरी खाते हैं। आमतौर पर उनका नाश्ता हलका उबला हुआ या भुना हुआ होता है जिसमें तेल नहीं होता। साथ में वो अदरक वाली चाय पीते हैं। इससे उन्हें दोपहर तक ऊर्जा मिलती है और बोझिलता भी नहीं आती।
उपवास में छिपा है सेहत का राज
मोदी मानते हैं कि उपवास रखने से शरीर स्वस्थ रहता है। इसीलिए वो नवरात्र में पूरे नौ दिन तक उपवास रखते हैं। इस दौरान वो सिर्फ नींबू पानी पीते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि नींबू पानी शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और शरीर को ऊर्जावान बनाता है।
संसद की कैंटीन में सलाद खाते हैं मोदी
संसद की कैंटीन के अधिकारियों की बात पर गौर करें तो जहां अधिकतर सांसद गरिष्ठ भोजन पसंद करते हैं, वहीं मोदी संसदीय कार्यवाही के दिनों में कैंटीन से सिर्फ फ्रूट सलाद खाते हैं। उन्हें किसी भी तरह का गरिष्ठ भोजन पसंद ही नहीं। जब उन्हें प्यास लगती है तो संसद से ही गुनगुना पानी पीने के लिए आता है।
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